दो तरह से फैल रहा है कोरोना वायरस, जानें क्या है सच

दो तरह से फैल रहा है कोरोना वायरस, जानें क्या है सच

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस के तेज़़ी से फैलते संक्रमण के बीच दुनिया के लाखों वैज्ञानिक इसका इलाज ढूंढ़ने में जुटे हैं। इसी बीच आपने कई बार सुना होगा कि कोरोना वायरस के एक से ज़्यादा स्ट्रेन हैं और ये सच भी है। आपने इस बात पर ध्यान दिया होगा कि कोरोना वायरस का कहर कुछ इलाकों में भयानक तरीके से फैल रहा है, तो वहीं कुछ इलाकों में ये इतना भयानक रूप नहीं ले रहा। इसके पीछे अलग-अलग तरह के स्ट्रेन हैं।

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कितने तरह के कोरोना वायरस हैं?

कोरोना वायरस अचानक इंसान की दुनिया में नहीं उभरा है, बल्कि लंबे समय से इस वायरस का बड़ा परिवार इंसानों की ज़िंदगी से जुड़ा रहा है। इनमें से कई वायरस के संक्रमण से खांसी या ज़ुकाम हो जाता है। SARS-CoV-2, जिसकी वजह से COVID-19 होता है, के फैलने से पहले कोरोना वायरस के बारे में यही जानकारी थी कि इसकी चपेट में आने से सांस का हल्का इंफेक्शन हो जाता है।  

नया कोरोनावायरस मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए जाना जाता है। जानवरों को ये काफी समय से संक्रमित करता आ रहा है। कई बार जानवरों को प्रभावित करने वाले इंफेक्शन मनुष्यों में भी आ जाते हैं। कोविड-19 के मामले में भी वैज्ञानिकों को कुछ ऐसा ही लग रहा है। 

तो ये वायरस दुनिया में पहली बार नहीं है, लेकिन इसने इंसानों को पहली बार संक्रमित किया है। जब साल 2019 में वैज्ञानिकों ने पाया कि ये मनुष्यों को भी बीमार कर रहा है, तो उन्होंने इसे नोवेल कोरोना वायरस कहना शुरू कर दिया।

इंसानों में कोरोना वायरस

वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस को चार भागों में बांटा है, एल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा। इनमें से 7 ऐसे वायरस हैं, जो इंसानों को भी संक्रमित करते हैं, जबकि चार आम हैं। 

  • 229E (alpha)
  • NL63 (alpha)
  • OC43 (beta)
  • HKU1 (beta)

तीन वायरस जो कम पाए जाते हैं:

  • MERS-CoV, ये एक बीटा वायरस है जिससे मिडल ईस्ट सांस संबंधी सिंड्रोम (MERS) होता है। 
  • SARS-CoV, ये भी एक बीटा वायरस है, जिससे सिवियर एक्यूट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम (SARS) होता है।
  • SARS-CoV-2, जिसकी वजह से कोविड-19 होता है। 

कोरोना वायरस के दो स्ट्रेन

कोरोना वायरस के दो स्ट्रेन की थिअरी चीन में हुए एक शोध से आई है। वैज्ञानिक कोरोना वायरस के आरएनए में होते बदलाव पर शोध कर रहे थे, ये जानने के लिए कि अलग-अलग तरह के कोरोना वायरस में क्या समान है। इसके लिए उन्होंने मनुष्यों के 103 सैम्पल इकट्ठा किए और साथ ही जानवरों में पाए जाने वाले कोरोना वायरस को भी स्टडी किया। जिसमें पाया गया कि इन दोनों में कुछ समानता नहीं है। 

एल-टाइप कोरोना वायरस स्ट्रेन

मार्च के पहले हफ्ते में, चीन में हुए एक शोध में यह बात सामने आई थी कि दो तरह के कोरोना वायरस फैल रहे हैं, जो दुनियाभर में लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। शंघाई के पेकिंग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के दो एल और एस टाइप स्ट्रेन की पहचान की थी।

एल-टाइप और एस-टाइप स्ट्रेन में क्या है अंतर

इस शोध में एक ख़ास संचरण पैटर्न पर विशेष रूप से ध्यान दिया था, जिसमें जनवरी के पहले हफ्ते तक एल-टाइप कोरोना वायरस का दबदबा था, जब इस प्रकोप का केंद्र सिर्फ चीन के वुहान के आसपास था। जैसे ही ये संचरण दूसरी जगहों पर भी फैलना शुरू हुआ, तो कोरोना वायरस का एस-टाइप स्ट्रेन हावी हो गया। इस शोध में पाया गया कि एल-टाइप का संचरण दर ज़्यादा है, क्योंकि ये इंसानों में तेज़ी से बढ़ता है। 

बाद में ये पाया गया कि इटली (26,644 मौतें), स्पेन (23,521 मौतें) और न्यूयॉर्क (17,280 मौतें) जैसे देशों या राज्यों में जहां मृत्यु दर काफी ज़्यादा था, वहां एल-टाइप स्ट्रेन बुरी तरह फैला हुआ था।

(साभार-दैनिक जागरण)

 

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